बिलासपुर (छग)।
संकेत साहित्य समिति (बिलासपुर इकाई) द्वारा राजकिशोर नगर में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सतत क्रियाशील व्यक्तित्व साहित्यकार कवि संगम त्रिपाठी के सम्मान में काव्य संध्या का आयोजन किया गया। अध्यक्षता रमेश चौरसिया ने की।
मुख्य अतिथि कवि संगम त्रिपाठी, विशेष अतिथि केवल कृष्ण पाठक और विजय तिवारी रहे। गोष्ठी का प्रारंभ सरस्वती माँ की पूजा-अर्चना के साथ हुआ। समिति के अध्यक्ष राकेश खरे ‘राकेश’ द्वारा श्री त्रिपाठी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए शाल-श्रीफल से सम्मान कर गोष्ठी का शुभारंभ किया गया।
गोष्ठी में डॉ. सुधाकर बिबे ने ‘सभी मजदूर मजबूर होते हैं’, एन.के. शुक्ल ‘अविचल’ ने ‘परमात्मा हमारे अंदर-बाहर’ सुनाई तो दिनेश्वर राव जाधव ‘है सफर लंबा मुसाफिर धीरे-धीरे चल’ सुनाकर वाहवाही बटोरी। रमेश चौरसिया ‘राही’, कृष्ण कुमार ठाकुर और वंदना खरे द्वारा भी कविताओं में सुन्दर चित्रण किया गया। गोष्ठी में श्री खरे, राजकुमार द्विवेदी, महासिंह ठाकुर और श्रीमती कमलेश पाठक की उपस्थिति में श्री त्रिपाठी ने किसी भी राष्ट्र के निर्माण में अपनी एक भाषा होने के लाभ पर प्रकाश डाला। इसमें लेखिका मालती जोशी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
संचालन हरवंश शुक्ल ने किया। समापन श्री खरे ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।