ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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जल ही जीवन है,
नहीं इसे तुम व्यर्थ बहाओ
भावी पीढ़ी के लिए,
जग को स्वर्ग बनाओ।
जल है तो कल है,
जन-जन को समझाओ
ताज़ा स्वाँस अगर लेनी है,
हरे-भरे तुम पेड़ लगाओ।
बहते पानी को तुम रोको,
जगह जगह ऐनिकट बनवाओ
पशु-पक्षी की जान यही है,
मत इसको तुम व्यर्थ बहाओ।
आने वाला कल बचाओ,
बूंद-बूंद तुम जल बचाओ
जल बिन श्मशान जगत है,
व्यर्थ ना तुम शोर मचाओ।
पर्यावरण है मित्र हमारा,
सबके मन में सोच जगाओ।
जल बिन कैसे होगा गुजारा!
नई पीढ़ी को राह दिखाओ।
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।