नई सुबह Post author:राजभाषा से राष्ट्रभाषा Post published:June 14, 2024 Post category:Uncategorized / कविता / काव्यभाषा सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** सुबह फिर आ गई,नई छवि को ले आईजीवन का लक्ष्य बांध,आज तू कुछ खास कर। नई ऊर्जा का संचार कर,नई ऊँचाई का आगाज़ कर।सफल होगा भविष्य,ये विश्वास धर॥ You Might Also Like भीषण गर्मी June 23, 2023 मंच पर हुई काव्य गंगा प्रवाहित January 20, 2025 खुदा गवाह है महँगी हुई दुआ कितनी May 3, 2020