ग्वालियर (मप्र)।
नगर के विशिष्ट साहित्यकारों एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति से भरे भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान के हॉल में ग्वालियर साहित्य संस्थान म.प्र. द्वारा नवस्थापित वार्षिक ‘अखिल भारतीय लोकमंगल साहित्य सम्मान-२०२४’ साहित्य के मौन साधक डॉ. ब्रजेश शर्मा को दिया गया। यह सम्मान उनके हाल ही में प्रकाशित शोध ग्रन्थ ‘नवगीत: शिल्प एवं जीवन मूल्य’ के लिए दिया
गया।
समारोह के शुभारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती पूजन किया। इस साहित्यिक समारोह में कीर्तिशेष पंडित श्रीराम शर्मा एवं डॉ. ब्रजेश शर्मा के व्यक्तित्व कृतित्व पर केंद्रित लोकमंगल पत्रिका के विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.भगवान स्वरूप चैतन्य ने पत्रिका का विवरण प्रस्तुत करते हुए डॉ. शर्मा के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि वयोवृद्ध कवि जगदीश तोमर ने शोधग्रंथ की प्रामाणिकता व उसकी साहित्यिक उपादेयता की सराहना करते हुए आशीर्वादात्मक वक्तव्य दिया। सभी विशिष्ट अतिथियों ने डॉ. ब्रजेश की रचनाधर्मिता की विशेषताओं को बताते हुए उनके शोध कार्य को शोधकर्ताओं के लिए दिशा निर्देशक ग्रन्थ कहा।
प्रो. चंद्रशेखर बरुआ ने डॉ. शर्मा का समग्र परिचय प्रस्तुत किया। विजय कृष्ण योगी ने सम्मान-पत्र का वाचन किया। अपने सम्मान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए डॉ. ब्रजेश ने अपने गुरुजनों, परिजनों व शुभचिंतकों को यह सम्मान समर्पित किया।
समारोह में प्रो.आलोक शर्मा, डॉ. अशोक मिश्रा, डॉ. केशव पाण्डे व प्रो.हेमन्त शर्मा मंचासीन रहे। सरस संचालन कवयित्री कादम्बरी आर्य ने किया। आभार ज्ञापन प्रवीण कम्ठान ने माना।