कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
मुंगेर (बिहार)
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स्वतंत्रता दिवस विशेष…
शहीदों की कहानी,
सुनो मेरी जुबानी
देश की खातिर जिसने,
देदी अपनी जिंदगानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं,
उनकी अमर कहानी॥
शहीदों की…
संघर्षों से नहीं जिसने,
कभी किनारा किया था
इन्कलाब का सुनो,
जिसने नारा दिया था।
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्,
कह दे गए अपनी कुर्बानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं,
उनकी अमर कहानी॥
शहीदों की…
मातृभूमि की रज से जिसने,
माथे तिलक लगाया
फाँसी के फंदे को जिसने,
हँस कर गले लगाया।
देश को आजाद कराने की,
जिसने मन में थी ठानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं,
उनकी अमर कहानी॥
शहीदों की…
सिर पर कफन बाँधे देखो,
निकल पड़े थे वीर बलिदानी
आजादी की लड़ाई में,
कूद पड़े थे वीर सेनानी।
गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ने की,
जिसने मन में थी ठानी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं,
उनकी अमर कहानी॥
शहीदों की…
इनके अटल इरादे देख,
फिरंगियों का रोम-रोम थर्राया
भारत माँ के वीर शहीदों ने,
भारत का मान बढ़ाया।
अपनी कुर्बानी देकर देखो,
देदी हमें आजादी।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं,
उनकी अमर कहानी॥
शहीदों की…