बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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श्री शिवाय नमस्तुभ्यम…
हाथ जोड़ विनती करूँ, खड़े शिवालय द्वार।
रोग शोक सब दूर हो, शिव भोले सरकार॥
शीश जटा पर चंद्रमा, माँ गंगा भी साथ।
मैं भी शरणागत प्रभो, थाम्हों मेरा हाथ॥
शंभु-शिवा तुझको नमन, तुम हो विश्वाधार।
मैं भी सेवक आपका, कर मेरा उद्धार॥
देवों के तुम देव हो, डमरूधर नटराज।
विनती है प्रभु आपसे, सफल करो मम काज॥
कृपा मिले प्रभु आपकी, हम सब बनें समर्थ।
नाशवान यह जिंदगी, कभी न होवे व्यर्थ॥