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बप्पा सब दु:ख हर ले जाते

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’
जोधपुर (राजस्थान)
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आया देखो विघ्नहर्ता,
नाम उनका गणेशा रखा
भक्ति का, भक्तों की श्रद्धा का,
अवतार आया है झूम के।

गणेश चतुर्थी का त्यौहार आया,
पलटी भक्तों की काया
लौटी भक्तों की माया,
पिता शिव माता सती।

पार्वती की संतान,
माता-पिता की भक्ति
करके चारों चक्कर लगाकर,
किया तीर्थ चारों धाम।

चतुर्थी स्थापना दिवस भक्त मनाते,
भोग प्रसादी लगाते
जिंदगी और घर से दु:ख भगाते,
प्रार्थना करते।

आरती कराते, मोदक का भोग लगाते,
मूषक राजा सवारी बन जाते,
भक्त दस दिवस कीअवधि को
पूर्ण कर स्थापना बप्पा की।

कर धूमधाम से विसर्जन तक,
गणपति बप्पा को ले जाते।
और गंगा में विसर्जन कराते,
बप्पा सब दु:ख हर ले जाते॥