प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’
सहारनपुर (उप्र)
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शिव के भरोसे तनिक होके तो देख।
करते स्वयं वो कैसे तेरी देख- रेख॥
दस दिश चहुं ओर कृपा को शिव जी बरसाएंगे,
सब-कुछ बिसरा के भजन कर मिटा कर्म के लेख।
शिव के भरोसे…॥
तेरा उद्धार है निश्चित मन से शरणागति ले,
गुणियों के मन की बात कोई ना झूठा उल्लेख।
शिव के भरोसे…॥
मन धूरत चाल समझ तू करता ये प्रभु विमुख है,
ठोंक इसकी भोग-लालसा, शिव- नाम की मेख।
शिव के भरोसे…॥
प्रभु से कुछ छिपा ना तेरा, तेरे गुण या अवगुण,
सत्य, नित्य, शिव, सर्वज्ञ देखें हर पेख।
शिव के भरोसे…॥
मन से तू शिव को भजेगा तुझको झट अपनाएंगे,
इस जग का अंश नहीं तू, तू शिव अभिलेख।
शिव के भरोसे…॥
शिव के भरोसे तनिक होकर तो देख,
करते स्वयं वो कैसे तेरी देख-रेख…॥