कुल पृष्ठ दर्शन : 29

‘क्षमा’ उपकार

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************

‘क्षमा’,
मनुज भूषण
है प्रतीक आचार,
पथ कर्म
आधार।

‘क्षमा’,
ममता करुणा
है जीवन उपकार,
नीति-न्याय
उपहार।

‘क्षमा’,
दुर्लभ संसार
मानव जीवन क्षणिक,
तजो मोह
बुद्धिमानी।

‘क्षमा’,
शान्ति सेतु
आनंद है लोक,
शान्ति प्रेम
श्रेष्ठतम।

‘क्षमा’,
अचूक क्षमता
शत्रु भी मीत,
मूल्यवान शब्द
व्यवहार।

‘क्षमा’,
शील भी
धीरज, सौहार्द्र, समरसता,
करें मजबूत
मानवता।

‘क्षमा’,
है सम्वेदना
प्रमाण है पुरुषार्थ,
माफ़ी रिपु
परमार्थ।

‘क्षमा’,
सबसे शक्तिमान
दान सबसे बड़ा,
सुखद अनुभूतियाँ
सुफल।

‘क्षमा’,
सबको कीजिए
नहीं करें पाप,
सधे शत्रु
ब्रह्मास्त्र।

‘क्षमा’,
व्याधि औषधि
समझें मन-गरिमा।
सदा लाए शान्ति,
दिव्यास्त्र॥