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मैत्री भाव बढ़ा रहा

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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विश्व गुरु अपनी साख बना रहा,
वह भारत ही है जो सबको मैत्री का पाठ पढ़ा रहा
सदा रही है जिनकी ख्याति मिटा ना सका कोई,
वह भारत है, जो मैत्री भाव जगत में बढ़ा रहा है।

दुश्मनों का दुश्मन है भारत,
दोस्तों से गहरा दोस्ताना निभा रहा
बढ़ता जा रहा विश्व में भारत,
वह भारत ही है, जो मैत्री भाव जगत में बढ़ा रहा।

युद्ध भूमि में शांतिदूत बन अपने आदमियों को वापिस ला रहा,
यह भारत लोगों के दिलों से नफ़रत मिटा रहा
विश्व शांति मैत्री भाव से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भाव जगा कर नफरत मिटा रहा,
वह भारत है, जो मैत्री भाव जगत में बढ़ा रहा।

लोकतंत्र की धार से वह संविधान की ताकत बढ़ा रहा,
पूरी दुनिया में डंका बजा रहा
विश्व चौधरी देशों को भी अपनी और मिला रहा।
इसी सकारात्मक ऊर्जा से भारत अपनी और सबको मिला रहा,
इसलिए हमारा भारत, मैत्री भाव जगत में बढ़ा रहा॥