अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘महागौरी’,
श्वेत चंद्रमा
तेरी कृपा से,
मिटते संताप
अद्वितीय।
‘महागौरी’,
तुम उज्ज्वल
हर लेती संताप,
चरणन जीवन
चाँदनी।
‘महागौरी’,
करुणामयी नयन
है वात्सल्य झलक,
तेरी आराधना
ठौर।
‘महागौरी’,
तू शक्ति
देवी ममता आधार,
जीवन सार
अनमोल।
‘महागौरी’,
धवल वस्त्र
सौम्यता का स्वरूप,
करे उद्धार
जगत।
‘महागौरी’,
सहज भाव
किया संसार प्रकाशित,
तेरा आशीर्वाद
छाया।
‘महागौरी’,
कृपा करे
है जगत पुलकित,
आसरा दे,
शरण।
‘महागौरी’,
आराध्य हमारी
सात्विकता की ज्योति,
अधूरा संसार
पूजें।
‘महागौरी’,
रक्षा करना
तेरी महिमा गाएं
पूजा नित,
नत।
‘महागौरी’,
आधार सच्चा
तुमसे सारा जहान।
असीमित आशीष,
वंदन॥