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विमोचन संग पुरस्कार वितरित

मॉरीशस।

विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस) की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी के सान्निध्य में वागीश संस्था द्वारा परियोजना ‘पुस्तक प्रकाशन एवं सम्मान परियोजना’ का पुरस्कार समारोह विधिवत हुआ। मुख्य अतिथि विश्व सचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी रहीं।
आयोजन में निर्णायक समिति के १६ विद्वानों ने पूर्ण सहयोग किया। रवि शुक्ल के मंत्रमुग्ध कर देने वाले मंच संचालन में सुश्री अनु बाफना ने माँ शारदा की वंदना से कार्यक्रम को दिव्य बनाया। संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आरती ‘लोकेश’ ने स्वागत भाषण में अतिथि का अभिनंदन व विजेताओं का स्वागत किया। डॉ. माधुरी ने ५ सम्मान स्वयं दिए किए तथा ५ पुस्तकों का भी क्रमवार विमोचन किया। इसमें वागीशा सुश्री शांति देवी सम्मान– कमल-कुँज के मधुकर शकुंतला मित्तल, वागीश श्री शिवशंकर गुप्ता सम्मान-‘बूँद भर सागर’- यशपाल सिंह ‘यश’, वागीशा सुश्री बिमलेश गोयल सम्मान-नीले रंगों वाला सियार -डॉ. लता अग्रवाल ‘तुलजा’, वागीश श्री राम अवतार गोयल सम्मान–आयुग्रंथ के पृष्ठ -अभय पाण्डेय ‘वशिष्ठ’ और वागीश श्री महेंद्र कुमार गुप्ता सम्मान–मैं स्त्री हूँ-डॉ. नीता अग्रवाल को दिया गया। डॉ. सूरज सिंह नेगी जी ने सभी निर्णायकों की ओर से निर्णायक अनुभव साझा किए।
सुश्री संगीता चौबे ने अन्य १५ पुरस्कारों की घोषणा की व डॉ. माधुरी ने प्रमाण-पत्र भेंट किए।सम्मान-राशि द्वारा पुरस्कृत कृति व उनके रचनाकार में तितली वाली उम्र (अखिलेश श्रीवास्तव चमन), मन हुआ फकीरा (अनीता वर्मा), साइबर अपराध एवं सुरक्षा कानून (शकील अंजुम), समचुप्पी के नेपथ्य में (प्रो. योगेंद्र नाथ शुक्ल, इंदौर) और अनुभूतियों की सरगम (सुनीता माहेश्वरी) आदि रहे।
निर्णायक गण डॉ. अशोक कुमार ‘मंगलेश’ व डॉ. यूरी बोत्वींकिन आदि ने पुस्तकों पर चर्चा की।
आलोक शर्मा ने तकनीकी संचालन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।