अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘दीपावली’,
जगमग ज्योति
चहुँओर उजाला,
श्रीराम पधारे
उत्सव।
‘दीपावली’,
छाया उल्लास
परिवार में ख़ुशी,
सब मिलें
रामराज।
‘दीपावली’,
अँधेरा भागा
लड़ियाँ दीपों की,
रंगोली द्वारे
मुस्कान।
‘दीपावली’,
पूजन करें
लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती,
बरसे आशीष
जीवन।
‘दीपावली’,
सब हर्षित
ख़ुशी की फुलझड़ियाँ।
मन मयूर,
मनोरम॥