सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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साधन सुख-सुविधा,
सुनामी की देख बाढ़
सोने की लंका से,
मानवता की देख हार।
चक्रवात घेरे तरुणाई,
की बात करें
दिशाहीन होती अरुणाई,
क्या हाल कहें!
लज्जा की लालिमा,
लाल-लाल गाल
कंचन कुमुदिनी के,
किसलय का हाल।
गंध मकरंद गह,
गली गुंजार करें
लोचन ललाट भाल,
भामिनी की बात करें।
शब्द झूठ, भाव झूठ,
सब झूठा व्यवहार।
एक मौन सत्य है बस,
करो स्वीकार॥