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कल हो ना हो

रश्मि लहर
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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भविष्य,
किसने देखा
जी-भर जीओ,
समय सुनहरा
अनमोल।

प्रेम,
पूरा निभाओ
दिल में रहो,
साथ चलो
प्रेमराह।

जीवन,
युद्ध समझिए
परहित भी करना,
दुर्गम राह,
मनुजता।

संकल्प,
शिखर तक
विघ्न भरे सोपान,
प्रखर बनिए
सफल।

वर्तमान,
समझो मोल
मानव जीवन अनमोल,
सदा बढ़ो
प्रगति।

मृगतृष्णा,
मत उलझो
छल भौतिक जीवन,
हर्षित रहो
परोपकार।

देश,
सबसे पहले
अपना सुख दूजा,
जागरूक समाज
शान्ति।

कदम,
सरल उठाओ
उत्कृष्ट प्रदर्शन हो,
ज्ञान-विज्ञान
कल्याण।

आत्मज्ञान,
मन आलोकित
जन-मन हित,
रीति सद्नीति
कर्म।

स्वाभिमान,
सदा चाहिए
राष्ट्र बड़ा गणतंत्र।
कल क्या ?
भविष्य॥