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नारी विमर्श की शानदार कृति ‘नारी चेतना की साहित्यिक उड़ान’

कोटा (राजस्थान)।

कोई भी कृति अपने समय संस्कृति को रुपायित करती है। लोकार्पित कृति ‘नारी साहित्यिक चेतना की उड़ान’ भी कालांतर में अपने परिवेश बताएगी। यह नारी विमर्श की शानदार कृति है। सच तो यह है कि हाड़ौती अंचल में ८१ लेखिकाओं के सृजन को केंद्र में रखकर लिखी गई है।
यह वक्तव्य मंगल कलश सभागार में श्री आर.के. पुरम कोटा परमार्थ गई समिति, सुमंगलम ग्रुप, शिशु भारती और शिक्षण संस्थान कोटा के सौजन्य से डॉ. प्रभात सिंघल की कृति ‘नारी चेतना की साहित्यिक उड़ान’ के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ईश्वर लाल सैनी (निदेशक सुमंगलम ग्रुप) ने दिया। अध्यक्षता कर रही रेणु गौड़ (अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय गुर्जर गौड़ समाज) ने कहा कि विभिन्न अंचलों से आई विभिन्न विधाओं को लिखने वाली लेखिकाओं की यह शतकीय साझेदारी मेरे जीवनकाल में कहीं देखने को नहीं मिली, इसलिए आयोजन महत्वपूर्ण है। समारोह दीप प्रज्वलन के बाद किशन वर्मा की सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुआ। स्वागताध्यक्ष पी.पी. गुप्ता ने सबका स्वागत किया।
नहुष व्यास ने संचालन किया।