कुल पृष्ठ दर्शन : 10

‘माॅं’ का जाना…

रश्मि लहर
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
**************************************************

अचानक बदरंग हो जाता है
मौसम,
शून्यता पसर जाती है
उस आँगन में,
जहाॅं बरसों तलक
सुनती रही बिटिया,
कि वह ईश्वर की
सबसे सुन्दर कृति है।

अनमने मन में,
बन जाता है
विसर्जित लम्हों का पहाड़।

अनुभवों की टूटन और,
आत्मीय-स्नेही
स्मृतियों की जकड़न
टीसती दिनचर्या को,
बेमुरव्वत ज़िम्मेदारी से भर जाती है।

सुनो,
कुलबुलाहट भरी इंसानी
भीड़ के मध्य…,
आशीर्वाद देते।
दो अद्भुत हाथों का अदृश्य होना,
जीवन की
सबसे बड़ी क्षति है॥