प्रतियोगिता-पुरस्कार वितरण…
इंदौर (मप्र)।
स्त्रियाँ जन्म से ही कहानीकार होती हैं। उनका यह कौशल रचनाकार के रूप में और मुखर हो जाता है।
यह बात प्रख्यात कवि डॉ. आशुतोष दुबे ने इंदौर में कही। अवसर बना डॉ. प्रेमकुमारी नाहटा कहानी प्रतियोगिता समारोह के पुरस्कार वितरण का। यह आयोजन वामा साहित्य मंच के बैनर तले श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में किया गया। समारोह में डॉ. नाहटा ने स्पर्धा की उपयोगिता और आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता के प्रवेश ने तो हड़कंप मचा दिया है। साहित्य के क्षेत्र में यह मौलिक रचनात्मकता पर डाका डाल रहा है। ऐसे में लेखकीय प्रतिभा को जीवित रखने हेतु इस तरह की प्रतियोगिता का होना महत्वपूर्ण है।
आरंभ में स्वागत उद्बोधन मंच की अध्यक्ष ज्योति जैन ने दिया। स्पर्धा प्रभारी पद्मा राजेन्द्र ने चयन प्रक्रिया पर राय व्यक्त की।
मंच की प्रचार प्रभारी सपना साहू ‘स्वप्निल’ ने बताया कि प्रतियोगिता में जयपुर की सोनू यशराज को प्रथम, बीकानेर की आशा शर्मा को द्वितीय, भोपाल की शैली बक्षी खड़कोतकर और इंदौर की गरिमा जोशी पंत को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विशेष पुरस्कार जयपुर की शिवानी शर्मा को मिला।
सरस्वती वंदना पश्चात अतिथियों का स्वागत सिद्धांत नाहटा और और चेतना भाटी ने किया।
समारोह का संचालन स्मृति आदित्य ने किया। आभार मुक्ता जैन ने माना।