मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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वसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव….
माँ सरस्वती की महिमा से,
हुआ विद्या का उद्गम।
बिना भेदभाव किए नर-नारी में,
विद्या का प्राप्त करने का अवसर।
ज्ञान अर्जन करने वाला होता है ज्ञानी,
मनुष्य में सर्वश्रेष्ठ होती है उसकी वाणी।
जैसे वसंत पंचमी उत्सव है,
माँ सरस्वती के आशीर्वाद का।
यह एक संकेत है,
पर्यावरण में आने वाली बहार का।
वैसे ही आती है जीवन में,
ज्ञान के सागर की बहार।
शिक्षा कभी विफल नहीं होती,
शिक्षित व्यक्ति कभी असफल नहीं होते।
ज्ञान है सफलता का रास्ता,
सरस्वती माँ के आशीर्वाद से होती है लक्ष्मी माँ की कृपा।
पंचमी बसंत का मौसम है बहार का,
देती है संदेश खिलते फूल बगिया का।
ऐसे ही खिलती रहे जीवन की बगिया,
विद्या के प्रकार से उजागर रहे दुनिया॥