पटना (बिहार)।
डॉ. दिनेश पाठक शशि ने बाल साहित्य को समृद्ध किया है। किसी भी कार्य अथवा आयोजन की परिकल्पना और क्रियान्वयन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में यह विचार साहित्यकार एवं समीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा ने भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में अवसर पाठशाला में आभासी माध्यम से आयोजित बाल साहित्य सम्मेलन में व्यक्त किए। संचालन के क्रम में संयोजक सिद्धेश्वर ने कहा कि आज बाल साहित्य में भी नित्य नए प्रयोग हो रहे हैं। विषय में भी विविधता आई है, जो बाल साहित्य के विकास की पहचान है। डॉ. दिनेश पाठक ‘शशि’ की बाल कहानियाँ, बाल सुलभ मन को बहुत ही सहायता के साथ लुभाती है। बाल कविताओं में जीवन और प्रकृति के कई प्रेरक तत्वों का समावेश किया गया है, जो बाल कविताओं के लिए अनिवार्य होता है।
मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश पाठक ने अपनी १ बाल कहानी तथा ३ बाल कविताएं प्रस्तुत की। इस सम्मेलन में राज प्रिया रानी, तारिक असलम, मीना कुमारी, विद्यावाचस्पति ममता तिवारी ‘ममता’ (छ्ग) व भारत तोमर आदि की उपस्थिति रही। प्रभारी डॉ. अनुज प्रभात ने आभार प्रकट किया।