हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
************************************
कभी भी मन का संयम
नहीं डोलना चहिए,
विश्वास के पंथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए
मुश्किलों में कोई साथ नहीं देता,
मनुष्य को अपने अंदर के मनोबल को बढ़ाना चाहिए।
लाख जीवन की नईया मझधार में हिंडोले खाएं,
पर भँवर में फंसे व्यक्ति को
संघर्ष करते रहना चाहिए,
हमें अपने मनोबल को बढ़ाना चाहिए।
दुखों का कोई अंत नहीं होता,
पर हमें दु:ख में सुख की तलाश करना चाहिए
यह जीवन संघर्ष की कहानी है,
हमें अपने मनोबल को बढ़ाना चाहिए।
दुखों के इस सागर में अमृत की तलाश,
करना है ही जीवन की सच्ची परीक्षा।
ज़िंदगी की इस जंग में एक-दूसरे का साथ जरूरी है,
इसलिए, हमें अपने मनोबल को बढ़ाना चाहिए॥