सीमा जैन ‘निसर्ग’
खड़गपुर (प.बंगाल)
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महिमा-मंडित शिक्षित जन सुनना
पद की गरिमा गिरने ना देना,
नवांकुरों के अग्रज हो तुम…
साफ-सुथरा परिचय रखना।
आस बंधी होती है तुमसे
सम्मान मिला तुम्हें है सबसे,
ऐसा तेज़ औरा तुम अपना…
सदा निशंकित रखना अब से।
रहो आदर्श सदा ही सच्चे,
स्त्री, पुरुष चाहे हो बच्चे।
देख तुम्हें अभिमान करें सब…
बनो उदाहरण सबसे अच्छे॥