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‘रामानुज’ पर केंद्रित विशेषांक एवं २ गीत संग्रह लोकार्पित

जयपुर (राजस्थान)।

अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के तत्वावधान में जयपुर से वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण लड़ीवाला ‘रामानुज’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित बहुभाषी पत्रिका ‘प्रज्ञान विश्वम’ के विशेषांक एवं उनके २ गीत संग्रह (‘मावस रात उजाली’ एवं ‘हरीतिमा चहुँ ओर’) का लोकार्पण जयपुर के होटल सफारी में हुआ। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार पंडित सुरेश नीरव ने की।

आगरा से साहित्य सेवी संजय गुप्त ने विचार व्यक्त किए। गीत संग्रह पर कवि विनय विक्रम ‘मनकही’ द्वारा लिखित संदेश को पढ़ा गया। गोप कुमार मिश्र ने ‘मावस रात उजाली’ से एक गीत प्रस्तुत किया। आचार्य ओम नीरव द्वारा इस पुस्तक की लिखित भूमिका का वाचन योगेन्द्र लड़ीवाला ने किया। अध्यक्ष पण्डित सुरेश नीरव ने कहा कि किसी को कवि बनाया नहीं जा सकता और न ही कविता पहले से लिखी या पढ़ी जाती है, बल्कि माँ शारदे की कृपा से स्वफूर्त भावों का लयबद्ध प्रकटीकरण है। मुख्य अतिथि नंद भारद्वाज ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रमोद तिवारी, वरुण चतुर्वेदी, बनज कुमार बनज, मधु मिश्रा और डॉ. शिवदत्त शर्मा आदि ने काव्य पाठ किया और श्री लड़ीवाला को शुभकामनाएँ दीं। ‘रामानुज’ ने अपनी कविताओं से आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।