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जीवन ‘रंगमंच’, रोज जंग

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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‘विश्व रंगमंच दिवस (२७ मार्च)’ विशेष…

आओ ‘रंगमंच’ की दुनिया में खो जाएं,
जहां हो अभिनय की जादूगरी
एक पल में हँसाएं वो, एक पल में रुलाएं,
यही है रंगमंच की ताकत की कलाएं।

जीवन भी रंगमंच है, रोज होती जंग,
सब अपने हैं, पर कोई नहीं संग,
सुविधा का हर रिश्ता है अब रिसता,
सब-कुछ देख दुनिया भौंचक है, आँखें हैं दंग।

है नाटक के पात्रों में जीवन की कहानी बहती,
जो सिखाती है, जागृत है करती
रंगमंच की दीवारें बात कहने का है मौका देती,
और हमारी आवाज़ को दुनिया तक है पहुंचाती।

कलाकार अभिनय से करते हैं हमें चकित,
हमें ले जाते हैं एक नयी दुनिया में
ये हमें हँसाते हैं, वे हमें रुलाते हैं,
और जीवन की सच्चाई बताते हैं।

आइए, रंगमंच की दुनिया में खो जाएं,
और सच्चाई को समझने की कोशिश करें।
आइए, रंगमंच का अभिनंदन करें,
इनकी मदद से जीवन-दर्शन करें॥