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‘रामायण’ वरदान

सीमा जैन ‘निसर्ग’
खड़गपुर (प.बंगाल)
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धरती को मिला वरदान है,
आदर्श जीवन का गान है
हे तुलसी… तेरी रामायण,
पारिवारिक जीवन की शान है।

हीरे-पन्ने सी यह गाथा,
पावन जीवन बनाती है
घर-घर गूँजे कथा-वचन,
रिश्तों का मर्म सिखाती है।

इक-इक पन्ना रामायण का,
ऋषियों की वाणी सुनाता है
हिंदू के तेजस्वी पूर्वज का,
वंशज और गोत्र समझाता है।

भारत की धरती धन्य हुई,
जिसमें कृष्ण, श्रीराम हुए
जिनकी शिक्षा-दीक्षा से,
भारत जग में पुण्यधाम हुए।

जीवन उदाहरण सिखलाने,
ईश्वर ने जनम मंगल लिया।
धर्मवीर बने कण-कण मानव,
दुनिया को सार कुशल दिया॥