सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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समष्टि का आधार हैं राम,
अंतर्विष्ट कण-कण राम
सकल ब्रह्मांड नायक राम,
प्राणाधार तार राम।
राम, लखन, भरत और शत्रुघ्न,
चतुर भ्राता दशरथ सुत
सब सहोदर रूप निराला,
खेल-कूद मन हर्षाए।
राम नाम रूप मन-भावन
चित्त आकर्षक सलोना
चाँद चकोर ज्यों अति भावन,
सम्मोहन, मंद मुस्कान।
कौशल्या माँ ने जन्म दिया,
दशरथ झूला झुलाए
सुमित्रा, कैकेई अंक खिला,
मात सब लोरियाँ सुना।
घुंघरू घुंघराले घनेरे,
कुंतल बाल कल्पित काले
सकल चराचर हर्षित देखें
सृष्टि उजियारी चहुंओर।
मंगल गाएं प्रजाजन सब,
पिता महीप दे बधाई
वस्त्राभूषण हीरे भर-भर
लाख मोती बाँट बधाई।
राजा दशरथ खुशियाँ मना,
देख सुत बलिहारी जा
ठुमक-ठुमक चलत सब नंदन,
नटखट लाड़ लड़ाए समां।
अयोध्या नगरी सुन्दर सजाए,
राग-रागिनी ताल बजा।
ढोल-नगाड़े पुष्प बरसाए,
देव लोक संतोष जता॥
परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।