संजय एम. वासनिक
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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दोस्ती में ज़रूरी नहीं-
हर बात पर सहमति हो,
बात तो तब बने
मतभेद भी रहें और,
बहस भी सही हो।
दोस्ती में ज़रूरी नहीं-
एक जैसा व्यवहार हो,
बात तो तब बने
एक-दूसरे को,
अच्छे से समझ लें।
दोस्ती में ज़रूरी नहीं-
हमेशा एक-दूजे को परखना,
बात तो तब बने
गुण और दोषों सहित
एक-दूजे का स्वीकार करना।
दोस्ती में ज़रूरी नहीं-
उपदेश और ज्ञान देना,
बात तो तब बने
प्रेम से समझाकर
सही राह दिखाना।
दोस्ती में ज़रूरी नहीं-
इकतरफ़ा निर्णय लेना,
बात तो तब बने
सभी आयाम समझकर,
भावनात्मक आधार देना।
दोस्ती में कभी भी ज़रूरी नहीं-
आदर्शों का अट्टाहास,
चलना होगा कदम से कदम मिलाकर।
तभी तो होगा जिंदगी का, आनंदमय सफ़र…॥