नाशिक (महाराष्ट्र)।
शहर के हुतात्मा स्मारक में हिंदी साहित्य सरिता मंच द्वारा सम-सामायिक परिदृश्य को लेकर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। लहूलुहान पहलगाम की पीड़ा व्यक्त करते हुए इसमें सभी कवि एवं कवयित्रीयों ने अपनी संवेदना एवं आक्रोश प्रकट किया।
आयोजन में डॉ. रोचना भारती, सुनीता माहेश्वरी, संजीव आहिरे, ठाकुर भरत सिंह, सुबोध मिश्रा, डॉ. रवींद्र शिवदे एवं विनया फनसनकर आदि ने रचनाओं के माध्यम से आतंकवाद को पोसने वाले पाकिस्तान की भर्त्सना करते हुए ईंट का जवाब पत्थर से देने की मंशा व्यक्त की। कवियों ने भिन्न- भिन्न रसों में अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए हुतात्मा स्मारक को देशभक्ति के रस ममें डुबा दिया।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता दैनिक लोकनामा के वृत्तसंपादक मुकुंद बाविस्कर ने की। उप-संपादक धनंजय बोडके ने विशिष्ट अतिथि की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संयोजन कवयित्री सुनीता माहेश्वरी द्वारा किया गया। मंच की वरिष्ठ कवयित्री एवं उपाध्यक्षा रोचना भारती ने श्री बाविस्कर एवं श्री बोडके का सम्मान भरतसिंह ठाकुर ने किया।
सूत्र संचालन कवि संजीव आहिरे ने किया। सी.पी. मिश्र ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।