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आतंकियों का संहार होगा

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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आतंक, विनाश, ज़िन्दगी (पहलगाम हमला विशेष)…

पहलगाम की वह घटित घटना,
आँखों से हटाए नहीं हटती है
ऐसी कायरानापूर्ण है हरकत वह,
मानवता पर कालिख मलती है।

घटना से बेखबर वह चला था,
घाटी घूमने को मन मचला था
कोई था विवाह से तुरंत पहुँचा,
कोई भ्रमण के लिए निकला था।

देख विशेष दिशा से आया आतंकी,
पूछ रहा था सबसे ही उनका धर्म
केवल हिन्दुओं को ही लक्ष्य किया,
गोलियाँ चलाते न की उसने शर्म।

कोई माँ का निर्दोष लाल मरा,
कोई नवविवाहिता का पति
किसी ने अपना पिता खोया,
खोया किसी बूढ़े का सहारा।

देख बर्बरता आतंकियों की,
क्रोधित हुआ अब संसार
किसी देश से नहीं बैर मेरा,
पर आतंकियों पर होगा प्रहार।

अब आर या पार होगा,
हर हाल में प्रहार होगा।
खून खौल उठा है अब मेरा,
आतंकियों का संहार होगा॥

परिचय-साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।