पद्मा अग्रवाल
बैंगलोर (कर्नाटक)
************************************
आजकल अनेक महिलाएं अपने घर की दहलीज पार कर नौकरी या व्यवसाय में व्यस्त हैं, परंतु अभी भी बहुत-सी महिलाओ की बड़ी आबादी ऐसी है, जो गृहिणी कहलाती हैं। यह सुबह से रात तक घरेलू कामों में लगी रहती हैं। झाड़ू पोछा, बर्तन-खाना आदि कामों में व्यस्त रहने के कारण उन्हें अपने शौक या कहा जाए तो स्वयं के लिए कुछ करने को तो दूर, सोचने के लिए भी फुर्सत नहीं मिल पाती। यही वजह है, कि उनके जीवन में अवसाद अपना पैर पसारने लग जाता है। इसलिए आवश्यक है कि महिलाएं अपने लिए भी कुछ समय निकालें।
हमेशा पति और बच्चों का ख्याल करने एवं प्यार करने के साथ-साथ स्वयं से भी प्यार करें। अपने मन को नकारात्मक विचारों से दूर रखें, क्योंकि नकारात्मक विचार अस्वस्थ करके असमय बूढ़ा कर देते हैं। अपनी खासियत और उपलब्धियों पर गर्व कीजिए, स्वयं पर विश्वास रखें। उससे आपको स्वतः ही दूसरों से सम्मान प्राप्त होगा।
समय और उम्र अनुसार खुशी के मानदंड बदलते रहते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, हमारी पसंद- नापसंद के साथ जीवन जीने का तरीका भी बदलता जाता है। उम्र के बढ़ते कदम के साथ यदि आप खुश रहना चाहती हैं, तो पहले अपने को समय के साथ अपडेट रखें। दूसरे-अपने व्यक्तित्व में निखार के प्रति सदैव सचेत रहें। व्यक्तित्व और सौंदर्य के प्रति कभी भी लापरवाही न बरतें। ४० की उम्र आते-आते आप समझ लेते हैं, कि आखिर में क्या चाहते हैं ? अब वह समय है, जब आप उस काम को पूरे उत्साह और लगन से करें, जिसको पहले करना चाहती थीं, लेकिन कर नहीं पाईं थीं। जैसे- आपको चित्रकारी का शौक था, लेकिन पहले कर नहीं पाई। अब जब आप चित्रकारी करिएगा तो आपको बहुत खुशी होगी। गार्डनिंग, नृत्य, योगा आदि जिस में भी आपको रुचि है, वह करिए। आप देखिएगा, कि कितनी खुशी महसूस होगी।
पहले कभी बैडमिंटन खेलना आपको बहुत पसंद था, लेकिन नहीं खेल पाई। आप देखिएगा कि इस समय खेलने के बाद यह आपके तन-मन दोनों को नई ऊर्जा से भर देगा। किसी हॉबी क्लास को ज्वाईन करना आपको खुशी के साथ जीवन में नई ताजगी महसूस करवाएगा।
ऐसे ही अपने साथी के साथ रिश्ते पर ध्यान दें। क्या आप अपनी व्यस्तता के कारण साथी के साथ न ही डिनर पर गईं हैं, न ही बाहर। तो साथी के लिए सरप्राइज डिनर प्लान करें, या पहले की तरह पति के साथ उनकी पसंदीदा जगह पर जाएँ और रोमांटिक आउटिंग प्लान करें। दोनों के रिश्ते में दूरियाँ बढ़ जाएँ, उसके पहले ही सचेत हो जाएँ। उम्र का कोई भी पड़ाव हो, रिश्ते जीवन के लिए सबसे मूल्यवान होते हैं। यदि आपके पास कोई अपना नहीं है, जिसके साथ अपनी खुशियाँ और उपलब्धियाँ साझा कर सकें, तो आपको वह उपलब्धियाँ एवं खुशियाँ अधूरी लगेगीं। आपसी रिश्ते ही ऐसे होते हैं, जो हमें संतुष्टि और खुशी प्रदान करते हैं। इसलिए रिश्तों में गर्माहट जरूरी है। उन पर धूल न जमनें दें और इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहें- चाहे पति-पत्नी हो या साथी या अन्य कोई रिश्ता।
आप शुरू के दिनों में अपने रख- रखाव और ड्रेसिंग पर कितना ध्यान देतीं थीं, तो अब क्यों नहीं? उम्र हो गई है, ऐसा कह कर लापरवाही न करें। इससे आपका उत्साह और आत्मविश्वास कम होता है। जीवन में खुश रहने के लिए कभी-कभी स्पा या अरोमा थैरेपी लें। मसाज करवा कर आपको सुकून महसूस होगा। अपनी उम्र के अनुरूप अपने मेकअप में बदलाव लाएँ। अपने वार्डरोब में भी समयानुसार बदलाव करती रहें।जब आप तन-मन से अपडेट रहेंगीं तो साथी के साथ साथ समाज में भी आकर्षण का केंद्र बनीं रहेंगीं।
आप स्वयं के लिए समय अवश्य निकालें। अपनी बॉलकनी, लॉन या कमरे के कोने में बैठ कर एक कप चाय-कॉफी अकेले पीना और साथ में यदि पढ़ने का शौक है तो मनपसंद पत्रिका-किताब खोल कर अपना पसंदीदा समय बिताना, या फिर किसी मित्र के साथ गप्पे लड़ाकर या जो भी मनपसंद काम है, करके आपको आत्मिक खुशी मिलेगी। विचारकों का भी कहना है कि ‘मी टाइम’ से संतुष्टि और खुशी प्राप्त होती है। आपकी अपनी रचनात्मकता की प्रसन्नता अनूठी होती है।
विद्वानों का कहना है, कि जो लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हैं, सुबह टहलना, जिम, साइक्लिंग, एरोबिक या योग आदि करते रहते हैं, उन्हें बढ़ती उम्र की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ कम होती हैं। कसरत के साथ अपने आहार का भी ध्यान रखें और जाँच समय-समय पर करवाते रहें।
४० की उम्र तक आप जिम्मेदारियों के बोझ से घिरे रहते हैं, परंतु यही समय है जब आप भविष्य को सुनियोजित करने के लिए बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। घर खरीदने का प्लान कर सकते हैं, बच्चों की शिक्षा के लिए बचत योजना कर सकते हैं। मेडिकल योजना में निवेश कर सकते हैं, जो भविष्य में आपको चिंतामुक्त करेगा।
इस तरह से आप अपनी व्यस्तता एवं सोच के साथ अपने भविष्य की रूपरेखा बनाकर जीवन को सुरक्षित कर आगामी वर्षों का आनंद उठा कर प्रसन्नतापूर्वक जीवन-यापन कर सकती हैं।