अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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अच्छे इंसान बनो,
बस विद्वान बनो।
कभी ना लड़ना,
बस आगे बढ़ना।
होना खूब सफल,
तभी सुनहरा कल।
सबको उम्मीद तुमसे,
गिरना ना डगर से।
तुम्हीं भविष्य कल का,
अच्छे काम करना सदा।
बुराई नहीं अपनाना,
लक्ष्य में ध्यान लगाना।
बस ऐसे गुणवान बनो,
हर मन का मान बनो।
सच बोलो, साथ निभाओ,
कभी दिल मत दुखाओ।
मीठे बोलों से खुशबू फैलाओ,
सबके दिल में जगह बनाओ।
बड़ों का कहना मानो तुम,
छोटों से भी प्रेम करो तुम।
कभी न घमंड करना,
मन में प्यार ही रखना।
विद्या लो, पर विनय रखो,
ज्ञान से भी गुणों को चुनो।
जात-पात से परे ही रहना,
सबको अपना ही कहना।
सबको बराबर समझना,
रंग-जात पर मत बँटना।
हर बुराई से रहो दूर,
मन में हो सच का नूर।
मदद करो जो भी रोता हो,
साथ दो, जो तन्हा होता हो।
पेड़ लगाओ, जल बचाओ,
धरती माँ को सदा अपनाओ।
हँसते रहो और हँसाओ भी,
दूसरों का दु:ख मिटाओ भी।
मन में दया, आँखों में नूर रहे,
ऐसा तेज तुम्हारा भरपूर रहे।
सद-कर्म की पहचान बनो,
बस अच्छे इंसान बनो॥