सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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नित उठें सबेरे योग करें
तन-मन से आलस दूर करें,
यदि नियमित योग करेंगे हम
रोगों से मुक्त रहेंगे हम।
बच्चा, बूढ़ा हो या जवान
सब सीख योग बनें बलवान,
यदि अभी नहीं कर पाओगे
फिर पीछे तुम पछताओगे।
है एक संतुलन योग ज्ञान
साँसों का रखना हमें ध्यान,
जब ध्यान मग्न हो जाओगे
अंतर्मन दर्शन पाओगे।
संपूर्ण अंग ऊर्जा विकास,
शुद्ध हवा संग योगाभ्यास।
देती तन-मन को नई शक्ति,
करिए इससे नित आप भक्ति॥