हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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तेरी चौखट पर आया,
मैं तेरा दिवाना
मेरी झोली है ख़ाली,
भर दो इसे क्या खता हो गई मुझसे!
तेरी चौखट पर आया…।
यह मेरी पूजा या इबादत कहूं,
तू ही मेरे लिए सब-कुछ है
कर्म भी धर्म भी तू ही तो है,
तेरी चौखट पर आया…।
मैंने मेरा माथा तेरे चरणों में झुका दिया,
तू मेरी विनती सुन तो ले
मेरे प्रभु, मेरे भगवान,
तेरी चौखट पर आया…।
तूने तो पत्थर ‘अहिल्या’ को भी तार दिया,
भक्त प्रहलाद की रक्षा करने नरसिंह अवतार लिया।
फिर मेरी पुकार सुन तो ले ज़रा,
तेरी चौखट पर आया…॥