भोपाल (मप्र) |
मध्य प्रदेश शासकीय कर्मचारी एकता रंगमंच की ओर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘याद करो कुर्बानी’ मुशायरे का आयोजन किया गया। रविवार को हुए इस कार्यक्रम में शेर, शायरियों, गीत और ग़ज़लों के साथ देशभक्ति पर एक और विधा भी दोहा सुनने को मिली। इन दोहों में भी देश के प्रति प्रेम का वैसा ही रस महसूस हुआ, जो गीतों और ग़ज़लों में झलका।
संस्था के अध्यक्ष सुमित द्विवेदी ने बताया कि डॉ. राकेश पाठक के मुख्य आतिथ्य में हुए मुशायरे में विशेष अतिथि वहीद उल हक रहे, जबकि अध्यक्षता की जफर सहबाई ने। मुशायरे में मध्यप्रदेश के १० शायरों ने अपने शे’र और अशआर पढ़े। शिवाजी नगर स्थित पुरुषार्थ सभागार में आयोजित इस मुशायरे में मनीष श्रीवास्तव ‘बादल’ ने दोहे ‘वसुधा पारस से भरी, जल में जिसके क्षीर। वो भारत बस प्रेम दे, कभी न देता पीर।। से मोहित किया तो विजय तिवारी ने गीत ‘नहीं मुहैय्या मुँह को रोटी, पेट पचावे खुद की बोटी’ सुनाकर ताली लूटी। ‘आज दुश्मन ने हमारी सीमा पर कदम रखे हैं,’ कविता सुमित द्विवेदी ने सुनाई तो मंजू राही ने गीत ‘जितना चिंतित हो तन और मन के लिए, उतना ही सोचो अपने वतन के लिए’ से मुग्ध किया।