भोपाल (मप्र)।
‘शोध की दृष्टि में दुष्यंत’ पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। भले देश और दुनिया दुष्यंत कुमार को एक प्रतिष्ठित हिंदी ग़ज़लकार के रूप में जानती हो, परंतु दुष्यंत एक एक बेहतरीन कवि, गीतकार, कहानीकार और उपन्यासकार भी थे।
इनके विविध आयामी साहित्यिक अवदान पर शोध की संभावनाओं को लेकर संतोष चौबे (कुलगुरु- रवीन्द्रनाथ टैगोर विवि) की अध्यक्षता में प्रो. देवानंद हिंडोतिया, (कुलगुरु-अटलबिहारी वाजपेई हिंदी विवि, भोपाल), डॉ. एस.के. जैन (कुलगुरु) एवं ग़ज़लकार आलोक त्यागी की उपस्थिति में महत्वपूर्ण चर्चा हुई। प्रथम चरण में घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने दुष्यंत का पत्र विठ्ठल भाई पटेल के नाम का वाचन किया। डॉ. प्रार्थना पंडित ने दुष्यंत कुमार का एक गीत प्रस्तुत किया और सुधा दुबे ने दुष्यंत की एक कहानी का वाचन किया।
स्वागत उद्बोधन संग्रहालय की निदेशक करुणा राजुरकर ने किया।कार्यक्रम का संचालन डॉ. विशाखा राजुरकर ने किया। आभार संग्रहालय अध्यक्ष रामराम बामनकर ने माना।