सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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गोबर गाय का लाते और
बनते थे गोबर के गणेश,
कार्य सभी निर्विघ्न पूर्ण हों
कटते थे सब कठिन कलेश।
चाहे शादी-ब्याह, हो मुंडन
या हो पूजा घर-दुकान की,
सभी जगह पर पहले पूजा
करते थे गोबर गणेश की।
समय ने करवट ली है ऐसी
कठिन काम गोबर मिलना,
शहरों में अब गाय न दिखती
गोबर कहाँ मिले मेरी बहना।
पूजते गणेश को अब भी पर,
गोबर के गणेश सुखा लेते।
जब भी कोई मंगल कार्य हो,
उनको रख पूजा करते॥