सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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‘हिन्दी दिवस’ विशेष…
हमको है प्यारी हिंदी,
बड़ी ही दुलारी हिंदी
हिंदी में ही लिखें-पढ़ें,
हिंदी में बोलते हैं।
नहीं कहीं बट-पुट,
नहीं कहीं शट-शुड
जैसा-जैसा बोलते हैं,
वैसा-वैसा लिखते हैं।
कवियों ने गान लिखे,
भारत महान लिखे
प्रेम व्यवहार भी तो,
हिंदी में ही करते हैं।
रस, छंद, अलंकार,
नव रस, भाव हिंदी।
शब्द, नाद, भाषा ज्ञान,
मातृभाषा मेरी हिंदी॥