कुल पृष्ठ दर्शन : 6

कवि दरबार:बेहतरीन रचनाओं से लूटी महफ़िल

पटना (बिहार)।

स्वाभिमान साहित्यिक मंच की ओर से ३८वाँ राष्ट्रीय कवि दरबार आयोजित किया गया। इसमें देशभर से प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और रचनाओं से महफ़िल लूटी।
यह कार्यक्रम नरेश कुमार आष्टा के संयोजन में हुआ। अध्यक्षता बंगलुरु के गोपाल सिन्हा ने की। शुरूआत उत्तराखंड की सोनिया आर्या द्वारा सरस्वती वंदना के साथ की गई। उन्होंने ‘मदर डे’ पर व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया भी व्यक्त की। नोएडा से वरिष्ठ ग़ज़लकार विज्ञान व्रत ने अपनी ग़ज़ल ‘मैं कुछ बेहतर ढूंढ रहा हूँ, घर में हूँ घर ढूंढ रहा हूँ’ सुनाकर तालियाँ लूटी।
संतोष पुरी ने पितृपक्ष के इतिहास और महत्व पर अपने विचार साझा किए तो सिद्धेश्वर आजाद ने अपनी ग़ज़ल ज़माने से कितना बड़ा हूँ मैं, अपने ही पैरों पर खड़ा हूँ मैं” प्रस्तुत की, जिसने श्रोताओं को गहराई तक छू लिया। रशीद गौरी, भूपेन्द्र सिंह व मीरा सिंह ‘मीरा’ आदि ने भी रचना सुनाई। पटियाला से जागृति गौड़ ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।