सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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माँ सिद्धिदात्री कमल आसिन अद्भुत रूप,
चतुर्हस्त में शंख, चक्र, गदा, पंकज अनूप
परब्रह्म शक्ति नवम निशा माँ शिवत्वपूर्णा,
सृष्टिपालिका शिव की भी दात्री अन्नपूर्णा।
माँ कृपाकटाक्ष शिव धारे अर्धनारीश्वर रूप,
भवतारिणी, नवनिधिवारिणी शुभा स्वरूप
दें माँ अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति,
प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व अष्टसिद्धि ख्याति।
शेरावाली, असुर-दल-नाशिनी, विश्वनियंता,
नमामि पद-पद्म परमानंदमयी-आदिअनंता
भयहरणी-दयाकरणी, शरणागत की आस,
माँ दुर्गे दुर्गति नाशिनी पर सृष्टि करें विश्वास।
मूलाधार से सहस्रार तक कुण्डलिनी शक्ति,
नवदुर्गे ध्यान से प्रज्ज्वलित हो आत्मभक्ति
पूजे देव-दनुज, यक्ष-गंधर्व, किन्नर-साधक,
माँ सकल सुख देती चाहे जो भी आराधक।
नश्वर देह क्षुधा हरें, दें अजर-अमरता दान,
अज्ञान-तम से मुक्त करें दें उर सत्य-संधान।
माँ ज्ञान-वैराग्य दीपशिखा, मोक्ष-मुक्ति द्वार,
जगदम्बे नाम जप से हो भव-सागर से पार॥