पटना (बिहार)।
वरिष्ठ कवयित्री केकी कृष्णा की कविताओं में जीवन का यथार्थ, समाज की विसंगतियाँ और मानवीय संवेदनाएँ गहराई से अभिव्यक्त होती हैं। उनकी रचनाएँ कभी आध्यात्मिक प्यास को उजागर करती हैं, तो कभी समय की विडंबनाओं पर तीखा प्रहार करती है।
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में आभासी रूप से आयोजित कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए संयोजक सिद्धेश्वर ने यह बात कही।
अध्यक्षीय संबोधन में केकी कृष्णा ने कहा कि नई पीढ़ी कविता के प्रति गंभीर है। यह कवि सम्मेलन साहित्यिक दृष्टि से सफल और यादगार रहा। प्रस्तुत रचनाओं ने संवेदनाओं और यथार्थ को गहराई से उजागर किया है।
इस सम्मेलन में केकी कृष्णा, नरेंद्र कुमार मिश्रा, पूनम दीक्षित, शेख शहजाद उस्मानी आदि शामिल रहे।