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आदर्श सीख राम

सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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दशहरा, दशानन पर विजय, दुराचारी नष्ट हुआ,
अधर्म, कुकर्म हो पराजय, कुकृत्य सदा नष्ट हुआ।

असत्य पर सत्य सदा विजय, अधो-गति,नित-अधम हुआ
बुराई पर अच्छाई विजय, दशानन मद-चूर हुआ।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम, लक्ष्मण भ्रातर रूप, भक्ति
पितृभक्त, धर्म पथ दृढ़ राम, सिया कर्तव्य पथ, शक्ति।

हैं दुश्चरित्र निशाचर रूप, सूर्पनखा भेष लसे
अगणित निशाचर छद्म रूप, मारीच मृग कनक लसे।

सद्गुणी सदाचारी सज्जन, सद्वृत्ति से महान बने,
धर्ममय जीवन ज्ञानी जन, सत्कर्मों से महान बने।

अंधकार में प्रकाश दीप, कठिन लक्ष्य हासिल करे,
पूजन शक्ति मातु स्वरूप, दृढ़शक्ति, अस्त्र जय करे।

अट्टहास,कुचाल दशानन, दुष्प्रवृत्तियों से भरा
काम, क्रोध, लोभ, मोहानन, मद-मत्सर कलुषित भरा ।

सत्यनिष्ठा भक्ति रथ आरूढ़, उत्थान निश्चित जन सदा
बल, छल आसुरी शक्ति मूढ़, असत्य-रथ विघटन सदा।

आदर्श मूल्य, रामायण, करूणानिधि, दया करे
नियति पथ-जीवन रामायण, भक्त वत्सल कष्ट हरे॥

परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।