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आयुर्वेद से कविता तक का संगम समेटे पुस्तक विमोचित

जयपुर (राजस्थान)।

संपर्क संस्थान के बैनर तले हाल ही में डॉ. दीपाली वार्ष्णेय अग्रवाल की पुस्तक का विमोचन हुआ। आयुर्वेद की गहन साधिका और संवेदनशील कवयित्री होने के कारण इनकी कविताओं में जीवन के विविध रंग और अनुभवों की गहराई बसी हुई है। इसमें लगभग ८० कविता हैं। इनमें कहीं शीतल औषधीय स्पर्श का अनुभव, तो कहीं ज्वलंत प्रश्नों की आग है।