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पारिवारिक उत्सव में उत्कृष्ट रचनाओं से किया मंत्रमुग्ध

अमरावती (महाराष्ट्र)।

सप्तरंगी हिन्दी साहित्य संस्था (अमरावती) द्वारा ‘कोजागिरी’ (शरद पूर्णिमा) का पारिवारिक उत्सव श्री मुंगसाजी माउली सभागृह में नरेन्द्र देवरणकर ‘निर्दोष’ की अध्यक्षता में हुआ। प्रमुख अतिथि सुरेन्द्र पोपली, ओमप्रकाश चर्जन, श्याम उपाध्याय, संस्था की सचिव श्रीमती बरखा शर्मा ‘क्रांति’, मंचासीन रहे। इस मौके पर रचनाकारों ने उत्कृष्ट रचनाओं से सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।
इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग मिलिंद मानकर का रहा। संस्था द्वारा श्री मानकर का सत्कार किया गया। सर्वप्रथम संतोष हांडे ने अपनी मार्मिक रचनाओं द्वारा सभी का मन मोहा, तो ‘दीपक सूर्यवंशी दीपक ने अपनी ग़ज़लों द्वारा सभी को भाव-विभोर कर दिया। अरविंद महल्ले ने इस रचना द्वारा सभी का दिल जीता, “अब कहीं भी रौशनी नहीं आती, सूरज को छुपाने वाले बढ़ गए हैं,” तो गौरी देशमुख ने अपनी रचना से बचपन की यादें ताजा की। हास्य कवि प्रीतम जौनपुरी ने सदन में मौजूद श्रेताओं को खूब हँसाया, “बेटा छोड़कर अखबार बांचना बोला बसन्ती!” शंकर भूतड़ा, दीपक दुबे, लक्ष्मीकान्त खंडेलवाल, गरिमा व चन्द्र प्रकाश दुबे’ आदि ने भी गरिमामय रचनाओं द्वारा प्रभावित किया।
आभार प्रदर्शन श्री खंडेलवाल ने किया।