पटना (बिहार)।
बाल साहित्य बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो उन्हें जीवन के अनेक पहलुओं से परिचत कराता है, और व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है। बाल कविता लिखना चुनौती पूर्ण कार्य है।
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में बाल साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए यह विचार लेखिका सुधा पांडेय ने व्यक्त किए। आभासी माध्यम से हुए इस सम्मेलन का संचालन करते हुए संयोजक सिद्धेश्वर ने कहा कि बाल साहित्य का मूल उद्देश्य बच्चों में मानसिक विकास, कल्पनशीलता, संवेदनशीलता और मूल्य बोध का निर्माण करना है। सही मायने में वही बाल साहित्य सार्थक है, जो मनोरंजन के साथ ज्ञान, विवेक के साथ स्वस्थ चिंतन का बीजारोपण करे।
इस मौके पर बाल कविता एवं बाल कहानी प्रस्तुत करने वाले रचनाकार में नंदकुमार मिश्रा, ऋचा वर्मा, सुधा पांडेय, सिद्धेश्वर, सुषमा सिन्हा आदि रहे।
धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी डॉ. अनुज प्रभात ने दिया।
