कुमारी ऋतंभरा
मुजफ्फरपुर (बिहार)
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शूरवीर भारतीय सेना (विजय दिवस विशेष)…
सीखना है तो हिंदुस्तान से सीखो,
वीर बहादुर जवानों से सीखो
भारत का बच्चा-बच्चा,
हिंदुस्तान हमारा सबसे प्यारा गीत है गाता।
सीखो यहाँ के फूलों से,
जो सूरज के उठते ही
बोले मुझे बिछाना हमारे,
देश के वीरों की पथ की राहों में।
शौर्य और पराक्रम की बेला में,
देश के लिए दिए जो अपनी बहादुरी की मिसाल
अरुण खेत्री की बहादुरी सीखो,
आज पुष्प अर्पण करके
उन वीर बहादुर सैनिकों के चरणों को छूना,
फिर उनका ही तुम गुणगान करना।
वीर शहीदों को नमन कर,
फिर उनकी गाथा लिखना
जब भी याद आती है,
कैसे बंगाल देश के लिए दुनिया को दिखलाया।
साथ सदा यह देता है,
जान पर अपनी खेल कर
बस जीत की अभिलाषा है,
गोली लगी हो हाथों में
फिर भी साहस रखता हो,
महाराणा प्रताप वाला
जज्बा दिल में फौलादी-सा,
राम दूहिया वह सैनिक था
हाथ में गोली लगने पर भी सीमा को जीत लिया था।
भारतीय सेवा में आज भी मशहूर हैं दुनिया में,
भारतीय सेना के जवान
बस साहस मन में रखते हैं,
अरुण खेतड़ी के साहस की,
गाथा आज भी दुनिया गाती है
५६ जवान हमारे देश के,
हमारे भारत देश के वह महान हैं
विजयी विश्व मना कर हम,
१९७१ में जीत होकर भी
९४००० सैनिकों को इज्जत से पाक को सौंपा था,
अपनी सभ्यता और संस्कृति की, पहचान दुनिया को दिखलाई थी।
नापाक इरादा रखता था वह पाक,
हरदम जो दुम दबाकर भागा
हमने तो दिखलाया सबको,
साहस, ऐतिहासिक शौर्य, वीर इतिहास,
जीत बंगाल सौंप दिया भारत देश महान ने।
१३ दिन में बंगाल जीत के सौंपा,
भारत वह हमारा साहस वाला देश है
सारे देश के भूगोल को बदलकर रख दिया,
हमेशा भारत के वीर जीत के ही रहते हैं।
इतिहास तो सबने देखा,
वर्तमान का मान देखिए
राष्ट्रपति भवन में मान दिया वीर सैनिक को,
आज राष्ट्रपति भवन की हर दीवार
उनके बलिदान और भारतीय सेना की शूरवीरता को दर्शाती है,
ब्रिटिश काल के सैनिकों की तस्वीरों को हटाकर
बस भारतीय सैनिकों,
परमवीर चक्र विजेताओं की
तस्वीरों को लगाया है।
यह बदलाव हमारे देश की सोच का बदलाव है।
इतिहास तो सबने देखा था,
अब वर्तमान भी विश्व ने देखा है
हिंदुस्तान सदा विजयी था,
हमेशा हमारा देश विजय गीत गाएगा
“सारे जहां से अच्छा यह हिन्दुस्तान हमारा,
हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलिस्तां हमारा।”
जय हिन्द, जय भारत,
वन्दे मातरम्॥