भोपाल (मप्र)।
बाल साहित्य शोध सृजनपीठ द्वारा ‘वंदे मातरम्’ के १५० वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस विषय पर विभिन्न विधाओं में अखिल भारतीय स्तर पर रचनाएं आमंत्रित कर संकलित करके पुस्तक रूप देने की योजना है। सभी बाल साहित्यकारों से अनुरोध है कि रचनाएं मेल (directorbaalsahitya@gmail.com) पर शीघ्रातिशीघ्र भेजें।
बाल साहित्य शोध सृजनपीठ
(साहित्य अकादमी, मप्र) की निदेशक डॉ. मीनू पांडेय ने बताया कि ये रचनाएं बच्चों को ध्यान में रखते हुए सृजन की जाना हैं। यह कविता, कहानी, संस्मरण, नाटक, आलेख, ऐतिहासिक साहित्य, लघुकथा व पहेली के रूप में हो सकता है। इसी के तहत मप्र की छः प्रमुख बोलियों में भी ‘वंदे मातरम्’ की मूल रचना का अनुवाद आमंत्रित किया है, ताकि बच्चे उसके मौलिक स्वरुप एवं मूल अवधारणा से परिचित हो सकें और बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना विकसित हो।
उन्होंने बताया कि आगामी गोष्ठी में उन रचनाओं का काव्य पाठ भी किया जाएगा एवं २६ जनवरी २०२६ तक पुस्तक प्रकाशित करने का प्रयास रहेगा।