कुल पृष्ठ दर्शन :

लघुकथा शोध केंद्र ने पुस्तक पख़वाड़े के आयोजन को वैश्विक पहचान दी-डॉ. दवे

भोपाल (मप्र)।

पुस्तकों एवं पाठकों के बीच कृति केंद्रित विमर्श एक सेतु का कार्य करता है। लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित पुस्तक पख़वाड़े में जिस तरह से देश और प्रदेश ही नहीं, विदेशों में बसे हिंदी सेवियों की कृतियों पर जो विमर्श किया जाता है, उसने इस आयोजन को अंतर्राष्ट्रीय बना दिया है।
यह उदगार साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ. विकास दवे ने लघुकथा शोध केंद्र समिति द्वारा १ से १८ जनवरी तक होने वाले पुस्तक पख़वाड़े के शुभंकर (लोगो) का हिंदी भवन के नरेश मेहता गोष्ठी कक्ष में लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उर्दू अकादमी मप्र की निदेशक की निदेशक डॉ. नुसरत मेहदी ने केंद्र द्वारा लघुकथा उन्नयन के लिए किए जा रहे विविध नवाचारों की सराहना करते हुए केंद्र के साथ मिलकर कार्य करने का आश्वासन दिया।
स्वागत उदबोधन के पश्चात् आयोजन की रुपरेखा पर विस्तार से चर्चा केंद्र की निदेशक कांता रॉय ने प्रस्तुत की। आयोजन के दूसरे चरण में लघुकथा गोष्ठी हुई, जिसमें गोकुल सोनी, चरणजीत सिंह कुकरेजा, विनोद कुमार जैन, मुज़फ्फर इक़बाल सिद्दीकी व शेफालिका श्रीवास्तव आदि ने अपनी श्रेष्ठ लघुकथाओं का पाठ किया।

कार्यकम का संचालन महासचिव घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने किया। श्री सिद्दीकी ने सभी का आभार प्रकट किया।