निक्की शर्मा `रश्मि`
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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जग में सुंदर अनमोल है माँ,दूजा नहीं और,
माँ से बड़ा संसार में किसी का ना ठौर।
राह सदा दिखलाती है सच्ची सीधी और,
प्रथम शिक्षा देती मात,तू ही है चहुँओर।
सत्कर्मों से पाप मिटे,भले बनो इंसान,
माँ ही पहले देती है,यह अनमोल ज्ञान।
पर उपकार कर सदा पा लो पूर्ण आकाश,
माँ जो बोले करो,फिर चमको दिव्य प्रकाश॥