परबकीरत सिंह
कटक(ओडिशा)
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धूल भरे हीरों को,
शिक्षा से तराश दीजिए
इनके नन्हें हाथों में,
कलम पकड़ा दीजिए।
ये देश का भविष्य उज्वल,
करके दिखाएंगे
एक बार इनकी मजबूरियों
को दूर कर,
शिक्षा ग्रहण करा दीजिए।
गाँव के परिवेश से,
संस्कारों की महक लिए
कच्ची मिट्टी से पक्के,
सपनों को साकार करने आए हैं।
मेहनत की उड़ान लिए,
माँ-बाबा की मुस्कान लिए
समाज में पहचान बना कर,
देश का मान बढ़ाएंगे॥