ईर्ष्यालु मित्र

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** विक्रम एक सदाचारी, नैतिक, संस्कारी व नौजवान लड़का है। अपने आत्मसम्मान के लिए सदा लड़ता रहता है, परंतु किसी भी व्यक्ति को अपने व्यवहार से आहत नहीं करता है। आज फिर विक्रम को अपने कार्य क्षेत्र कार्यालय में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई थी। वह काफी उत्साहित है। धीरे-धीरे प्रसिद्धि और … Read more

जब साथ मिले अपनों का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जब साथ मिले अपनों का, पथ काँटों का भी फूल बने,हाथों में जब हाथ हो अपने, सपनों के दीप हजार तले। सुर गूँजे मन के भीतर, आँसू भी फिर मुस्कान बनें,हौसलों की नाव चले जब, तूफ़ान भी आसान बनें। जब साथ मिले अपनों का, धड़कन में सौ संगीत उतरें,साया … Read more

ख़्वाब करे रोशन

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* ख़्वाब आतेबहार बनकर प्यारे,ख़्वाब करे रोशनकभी पास,कभी दूर राह सारेमानोंतब्बसुम की खिदमत,करें नभ के सितारे। कभी ख़्वाब,पलकों पे नमी हमारेनींद की दुनिया,लाए ख़्वाबसौगात प्यारे। ख़्वाब दिखाते हैंनये इरादे,जो बन जाएखुली आँखों मेंज़िंदगी की राह हमारे। मस्तिष्क के तंतुओं मेंझंकार सी हैं,मन का पंछीउड़ता है पंख पसारे। ख़्वाब कभी सचकभी झूठ … Read more

महाधिवेशन में गूंजी जनभाषा में न्याय की बात

पटना (बिहार) अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के महाधिवेशन के विशिष्ट अतिथि वैश्विक हिंदी सम्मेलन के निदेशक डॉ. एम.एल. गुप्ता, अखिल भारतीय भाषा संरक्षण संगठन के अध्यक्ष हरपाल सिंह राणा एवं इटावा हिंदी सेवा निधि के महासचिव एवं इलाहबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सहित अनेक जनभाषा में न्याय के समर्थक एवं इस विषय पर … Read more

अध्यात्म की वाहक श्रीमद्भगवद्गीता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* है दुनिया में जो व्यापक ज्ञान और अध्यात्म की वाहक,सदा जो पथ दिखाती है, बनाती नर को जो लायक।उसे कहते हैं सारे दिव्यता का इक महासागर-कहाती है जो गीता, कृष्ण थे जिसके अमर गायक॥ मुझे गीता ने सिखलाया, जिऊँ मैं कैसे यह जीवन,सुवासित कैसे कर पाऊँ, मैं अपनी देह और यह … Read more

‘इंसानियत’ का बीज बदल सकता है दुनिया

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** ‘इंसानियत’ सुनने में एक शब्द है, लेकिन स्वयं के भीतर अनगिनत भावनाएँ समेटे हुए है। यह केवल किसी की मदद करना या दूसरों के लिए त्याग करना भर नहीं है, बल्कि इंसानियत वह ऊर्जा, अच्छाई और शक्ति है, जिसके सहारे समाज जीवित रहता है तथा दुनिया चलती है।कहना गलत नहीं होगा … Read more

नई परंपराओं का प्रारंभ बनना चाहिए संसद

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारत की संसद के शीतकालीन सत्र प्रारंभ होने से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने आने वाले दिनों में संसद की कार्रवाई के हंगामेदार होने का संकेत देने में देर नहीं लगाई। विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि वह एस.आई.आर. सहित कई मुद्दों पर जोरदार ढंग से सदन में अपनी … Read more

बाल कवियों की उर्वर कल्पना से सुरभित हुई गोष्ठी

सोनीपत (हरियाणा)। हिन्दी भाषा एवं सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार ने २२५ वीं आभासी काव्य गोष्ठी में बाल कवियों को प्रस्तुति का अवसर दिया। इन कवियों की उर्वर कल्पना से गोष्ठी जोरदार तरीके से सुरभित होती रही।मंच की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि गोष्ठी होनहार बाल सृजनकारों की … Read more

भारत की माटी है चंदन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भारत की माटी है चंदन, माथे पर तिलक लगाएंगे,दुर्लभ मानव गात्र राष्ट्र हित, बलिवेदी पर चढ़ जाएंगेस्वाभिमान भारत माटी का,कण कण हरियाली लाएंगे,मातृभूमि मंदिर विनत मन, प्रेम भक्ति शक्ति रम जाएंगे। नव विहान उत्थान प्रगति पथ, निर्माण स्वर्ग रच जाएंगे,युवा शक्ति अनुरक्ति राष्ट्र हित, सम सत्प्रेरक बन जाएँगेरामराज्य स्वप्निल … Read more

गीता गुण खान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** गीता के गुण क्या कहूँ, गीता है गुण-खान,जीवन जीने की कला,छिपा ज्ञान-विज्ञान। छिपा ज्ञान-विज्ञान, सदा पढ़िए मन लाई,सत-रज-तम गुण ज्ञान ,सदा ही है सुखदायी। कह सरोज सुन सखा, कर्म कर लो मन लाई।फल पर वश न अपना, गुण गीता के गाई॥